रत्नमोती न्यूज़ में खबरे एवं विज्ञापन के लिए संपर्क करे ...दिनेश नलवाया | मोबाइल नं:- 9424041184, 8770818845

ओपियम फैक्ट्री के सामने हुए हादसे में घायल युवक के परिजनों ने फैक्ट्री प्रबंधन और गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों पर लगाया अमानवीय व्यवहार का आरोप

News Published By Mr.Dinesh Nalwaya
Publish Date: 12-05-2025

रत्नमोती न्यूज डेक्स

नीमच। (शौकीन जैन) विगत सप्ताह ओपियम फैक्ट्री के सामने हुई दो पहिया वाहनों की भिड़ंत में घायल युवक के परिजनों ने हादसे को लेकर फ़ैक्ट्री प्रबंधन और तैनात सुरक्षाकर्मियों पर अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। परिजनों ने कहा कि दुर्घटना में चोटिल फ़ैक्ट्री की महिला कर्मचारी को प्रबंधन और सुरक्षाकर्मियों ने हॉस्पिटल पहुंचा दिया जबकि घायल युवक को एक घंटे तक अस्पताल नहीं ले जाने दिया गया। बल्कि फैक्ट्रीे प्रबंधक संजय राव ने परिजनों को धमकाया कि तुम यह लिखकर दो कि यह हादसा घायल युवक की लापरवाही से हुआ है।घायल युवक के अंकल आशीष गर्ग(छोटू) का कहना है कि उनका भतीजा (नव्य पिता दीपक गर्ग) बंगला नं.55 नीमच स्थित निवास से 3 मई 2025 को सुबह 10 बजे कृषि उपज मंडी जाने के लिए स्कूटी से निकला था। इस दौरान फ़ैक्ट्री में कार्यरत प्रीति चौधरी नामक महिला के दो पहिया वाहन से भतीजे नव्य के वाहन की भिड़ंत हो गई। हादसे में फ़ैक्ट्री की महिला कर्मी तथा नव्य घायल हो गए थे, जिस पर फ़ैक्ट्री के प्रबंधन और गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने महिला कर्मी का मौके पर प्राथमिक उपचार कर उसे हॉस्पिटल भेज दिया, लेकिन घायल भतीजे नव्य गर्ग को फ़ैक्ट्री के गेट के पास बैठा दिया और परिजनों को फोन कर हादसे की सूचना दी गई । ऐसे में सूचना पर वे तत्काल ओपियम फ़ैक्ट्री के यहां पहुंचे और गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी को कहा कि वह घायल नव्य को कार में बैठा दें, लेकिन उसने बिठाने से मना कर दिया। और कहा कि फ़ैक्ट्री की महिला कर्मचारी घायल हो गई है, उसका जिम्मेदार कौन हैं..? श्री गर्ग ने बताया कि इस पर मैंने उनसे कहा कि आप बताईए घायल महिला को कौन से हॉस्पिटल में लेकर गए हैं, मैं वहां जाकर उनका भी उचित उपचार करवा देता हूं। करीब एक घंटे तक ओपियम फ़ैक्ट्री गेट पर तैनात सीआईसीएसफ के सुरक्षाकर्मियों से बहस के दौरान मैंने कहा कि भतीजे नव्य के सिर में गंभीर चोंट आई है, इसे कुछ हो गया, तो इसका कौन जिम्मेदार रहेगा, जिसके बाद संबंधित सुरक्षाकर्मी ने कहा कि आप अपना आधार कार्ड दे जाओ और इसे ले जाओ, मैंने कहा कि फिलहाल आधार कार्ड नहीं है तो सुरक्षा कर्मी ने आधार कार्ड उपलब्ध नहीं होने पर भतीजे नव्य का मोबाईल रख लिया, उसके बाद नव्य को उपचार के लिए ले जाने दिया। श्री गर्ग ने बताया कि इसके बाद भतीजे को लेकर मैं श्री राम हॉस्पिटल पहुंचा, जहां चिकित्सक ने नव्य का सिटी स्कैन करवाया तो सिर में अंदरूनी चोंट लगाने के साथ ही खून के थक्के जम गए थे। रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सक ने नव्य को तत्काल अन्यत्र ले जाने की सलाह दी, तब परिजन नव्य को मैदानंता हॉस्पिटल इंदौर लेकर पहुंचे। जहां नव्य के सिर का ऑपरेशन हुआ और नव्य वहां उपचार रत है। श्री गर्ग ने बताया कि हादसे के एक घंटे बाद भारी मशक्कत के बाद ओपियम फ़ैक्ट्री के सुरक्षाकर्मियों ने नव्य को हॉस्पिटल ले जाने दिया, जबकि नव्य के सिर में जो चोंट लगी, उसके अनुसार उसे तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल जाती, तो उसका ऑपरेशन कराने की नौबत नहीं आती, लेकिन ओपियम फ़ैक्ट्री प्रबंधन और फ़ैक्ट्री के सुरक्षाकर्मी के अमानवीय व्यवहार की वजह से नव्य का ऑपरेशन कराने के हालात बने। श्री गर्ग ने कहा कि अगर विवाद के कारण और भी देरी हो जाती और नव्या की हालत बिगड़ जाती तो इसका जवाबदारी कौन होता शायद इसका जवाब प्रबंधन के पास नहीं है ? बाक्स घायल युवक नव्य के अंकल आशीष गर्ग ने कहा कि जब वे ओपियम फ़ैक्ट्री से नव्य को लेकर श्रीराम हॉस्पिटल पहुंच गए थे, उसके कुछ देर बाद मेरे मोबाईल पर ओपियम फ़ैक्ट्री से मोबाईल नं. 8744973037 से फोन आया कि आप तत्काल ओपियम फ़ैक्ट्री आईये क्योंकि फ़ैक्ट्री प्रबंधक संजय राव आप को बुला रहे हैं। श्री गर्ग ने बताया कि इस पर मैंने तत्काल मेरे पिताजी व नव्य के दादाजी वासुदेव गर्ग व समाजसेवी संतोष चौपड़ा को फ़ैक्ट्री में भेजा। जहां करीब एक घंटे से ज्यादा इंतजार करने के बाद फ़ैक्ट्री प्रबंधक संजय राव ने मेरे पिता और श्री चौपड़ा से मुलाकत की और धमकाते हुए कहा कि आपके बालक की जिस महिला के वाहन से टक्कर हुई है, वह हमारे खुफिया विभाग की कर्मचारी है। उसे कुछ होता है, तो इसका जिम्मेदार आपका बालक रहेगा। श्री गर्ग ने बताया कि फ़ैक्ट्री प्रबंधक श्री राव ने धमकाते हुए कहा कि आप हमें लिखकर दो कि आपका बालक नव्य लापरवाही पूवर्क गाड़ी चला रहा था, इस कारण दुर्घटना हुई है । श्री गर्ग ने यह भी आरोप लगाया कि परिजनों की मांग पर फ़ैक्ट्री प्रबंधन ने नव्य का मोबाईल तो लौटा दिया, लेकिन स्कूटी को अभी तक जब्ती में ले रखा है और नहीं दे रहे हैं। आशीष गर्ग ने कहा कि ओपियम फ़ैक्ट्री प्रबंधन और फ़ैक्ट्री की सुरक्षा में तैनात सीआईएसफ के कर्मियों ने हादसे के बाद भजीते नव्य को प्राथमिक उपचार के लिए नहीं भेजना और परिजन लेने पहुंचे तो एक घंटे तक नहीं ले जाने देना और परिजनों को धमकाने का कृत्य अमानवीय है। अगर फ़ैक्ट्री प्रबंधन और सुरक्षाकर्मियों को कोई कार्रवाई करना थी, तो मामले में पुलिस को शिकायत करते, पर घायल को उपचार के नहीं ले जाने देना, मानवता और इंसानियत को शर्मसार करने वाला निंदनीय कृत्य है। इस मामले में ओपियम फ़ैक्ट्री प्रबंधन और फ़ैक्ट्री की सुरक्षा में तैनात सीआईएसफ के कर्मचारियों की उच्चस्तर पर शिकायत की जाएगी।
Share On Social Media