सबको नसीब हो दो जून की रोटी, जरूरतमंदों को भोजन कराया
News Published By Mr.Dinesh NalwayaPublish Date: 02-06-2024
रत्नमोती न्यूज डेक्स
नीमच। तारीख भले ही दो जून हो लेकिन 'दो जून' वाक्य से जुड़ी एक उक्ति दुनिया भर में मशहूर है। दो जून के मायने हैं दो वक्त और दो जून की रोटी कहावत कौन नहीं जानता। 2 जून की अलसुबह इस कहावत को वास्तविक रूप देने की कोशिश की प्रेरणा समाजोत्थान समिति ने।
समिति की प्रमुख डॉ प्रेरणा ठाकरे परिहार और मुख्य सहयोगी प्रो आशीष सोनी, डॉ सुरेंद्र शक्तावत एवं टीम पहुंची टीचर कॉलोनी के समीप गोंड बस्ती में। यहां बच्चे, बुजुर्ग और मेहनतकश मजदूर बड़ी संख्या में रहते हैं। उन्हें दो जून की रोटी का महत्व बताया तो इन लोगों ने भी मेहनत कर अपनी दो वक्त की रोटी की जुगाड़ की कहानियां साझा की। इस बीच उनके हाथों में समिति के सदस्यों ने भोजन के पैकेट थमाए तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा क्योंकि रोटी के लिए उनके संघर्ष की दिनचर्या अब शुरू होनी थी इसके पहले ही उन्हें भरपेट भोजन मिल गया। बस्ती के लोगों के बीच डॉ प्रेरणा ठाकरे ने कहा कि यह 2 जून दरअसल पूरे जीवन भर के हर दिन साथ चलने वाली तारीख है जो दो वक्त की रोटी के लिए हर व्यक्ति की मेहनत बयां करती है। उन्होंने मेहनतकशों के लिए कामना की कि कोई भूखा न सोए, दो जून की रोटी हरेक को सम्मान से नसीब हो। 2 जून की तारीख तो मात्र प्रतीक है असल में तो रोजी रोटी की जुगाड़ के संघर्ष में होने वाली तकलीफ में साथ देना उद्देश्य है। साथ ही प्रो आशीष सोनी और डॉ सुरेंद्र शक्तावत ने समिति के सेवा प्रकल्पों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हायरसेकंडरी स्कूल ग्राउंड में रहने वाले खानाबदोश श्रमिकों को भी भोजन पैकेट वितरित किये गए।