स्थानीय नेता राजकुमार सत्यनारायण ओर बालकिशन धाकड ने 22 अक्टुम्बर को जावद मे बुलाई कार्यकर्ताओ की वृहद बैठक - बैठक मे तय होगा विरोध का स्वरूप कार्यकर्ता कहेगे वही करेगे तीनो नेता
News Published By Mr.Dinesh NalwayaPublish Date: 21-10-2023

रिपोर्ट प्रदीप जैन
सिंगोली। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ओर कांग्रेस दोनो ही दल अपने-अपने उम्मीदवारो की सूची जारी कर रहे है। कांग्रेस की ओर से अब मात्र एक सीट पर प्रत्याशी घोषित करना शेष है वही भाजपा मे 94 प्रत्याशी घोषित करना शेष जिनकी सूची आज आना संभव हे हम बात करे कांग्रेस की तो इनने जो अभी तक 229 सीटो पर अपने उम्मीदवार उतारे उनमे अनेक स्थानो पर अधिकृत उम्मीदवारो के खिलाफ बगावत के सुर तेज हो रहे है। जो कांग्रेस के लिए ठीक दिखाई नही दे रहा है। विरोध ओर बगावत की बात करे तो हालं ही मे जावद विधानसभा क्षैत्र से कांग्रेस हाईकमान ने अभी कुछ दिनो पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस मे आए समंदर पटेल को उम्मीदवार बनाकर मैदान मे उतारा जिसको लेकर स्थानीय दावेदार राजकुमार अहीर सत्यनारायण पाटीदार बालकिशन धाकड तीनो ने घोर विरोध करते हुए हाईकमान को अपना निर्णय बदलने की बात कही वही तीनो स्थानीय नेताओ ने विरोध करने के लिए एक होकर दिनांक 22 अक्टूंबर को जावद मे दस हजार से अधिक लोगो की एक विशाल कार्यकर्ता बैठक आयोजित की है। जिसमे कार्यकर्ताओ से हाईकमान के निर्णय पर राय मशविरा करने के बाद प्रदेश नेतृत्व ओर राष्ट्रीय नेतृत्व को कार्यकर्ताओ की भावना से अवगत करवाते हुए उम्मीदवार बदलने का दबाव बनाये जाने की रणनीती है। यदी उसके बाद भी पार्टी हाईकमान अपना निर्णय नही बदलता है तो आगे कार्यकर्ताओ की राय अनुसार योजना बनाकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे इन तीनो नेताओ मे से एक नेता मैदान मे उतरकर समंदर पटेल का रास्ता रोकने का प्रयास करने की जानकारी मिल रही है। इधर हम बात करे भाजपा की तो भाजपा नेता पुरण अहिर पहले ही पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार ओमप्रकाश सकलेचा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लडने की घोषणा कर चुका है। वे अपने निर्णय पर अडिग रहते हे या संगठन के मनाने पर मानते है यह सब भविष्य की गर्त मे है। कांग्रेस की तरफ की हम बात करे तो इधर से भी बागी होकर राजकुमार अहीर सत्यनारायण पाटीदार बालकिशन धाकड इन तीनो मे से कोई एक मैदान मे यदी आता है तो मुकाबला ओर रोचक होकर जबरदस्त टक्कर वाला हो जाएगा। पिछले चार चुनाव के इतिहास पर हम नजर डाले तो आमने सामने की टक्कर के अलावा जब भी मुकबला बहुकोणिय हुआ तो उसका लाभ हमेशा भाजपा को मिला इसमे कोई संदेह नही है और इस बार भी यदी मुकाबला त्रिकोणीय या चर्तुकोणीय होता है तो इसका फायदा निश्चित भाजपा को मिलना तय है। एक तरफ कांग्रेस जावद सीट हथियाने के लिए पिछली बार के निर्दलीय समंदर पटेल को भाजपा से कांग्रेस मे लाकर मैदान मारने का प्रयास कर रही हे वही कांग्रेस के ही स्थानीय नेता अपने हाईकमान के फैसले को चुनौती देते हुए नजर आ रहे है। ऐसी दशा मे कांग्रेस का जावद सीट हथियाने का सपना फिर अधुरा रहता दिखाई दे रहा है। क्योंकि भाजपा उम्मीदवार ओमप्रकाश सकलेचा इस क्षैत्र के एक दमदार और मजबूत नेता है उन्हे पटखनी देना इतना आसान नही है। पुरी कांग्रेस एक होकर लड़े तो भी ओमप्रकाश सकलेचा से मुकाबला करना कठिन है ऐसी दशा मे कांग्रेस का बिखराव भाजपा के लिए फायदे का सौदा दिख रहा है। हम यह भी नही कह रहे हे की भाजपा मे बगावत नही हे पर भाजपा एक केडर बेस पार्टी होने के कारण भाजपा कार्यकर्ता संगठन के वरिष्ठ नेताओ के मनाने और समझाने पर आखिर मान जाते हे और अंत मे अपना वोट भाजपा को करते आए है। इस बार भी ऐसा ही सब कुछ होना तय दिखाई दे रहा है। खेर कुछ भी हो चुनावी चौसर बिछ चुकी है दोनो ही दलो के अधिकृत उम्मीदवार अपनी अपनी रणनीती बना कर मैदान संभाल चुके है 21 अक्टूंबर से फार्म भरना आरंभ हो गया और 30 अक्टूंबर फार्म भरने की अंतिम तारीख रहेगी कोन किसको कैसे मनाएगा कोन मानेगे या नही यह सब 30 तारीख बाद तय होगा। अभी तो दोनो दलो के उम्मीदवार गांव गांव जाकर लोगो से सम्पर्क कर रहे है। कुछ राजी नाराजी वाले लोगो को मनाने का काम चल रहा है। कुल मिलाकर जावद मे अब धीरे धीरे चुनावी रंग चढ़ने लगा है जो आने वाले दिनो मे ये ओर तेज होगा क्योंकि दोनो ही दलो के उम्मीदवार हर हाल चुनाव जितने की कोशिश करेगे। मिली जानकारी के अनुसार दोनो ही दलो के राष्ट्रीय नेताओ के साथ साथ अभिनेताओ की सभाएं होने की बात भी कही जा रही है। इन सब बातो से लगता है की जावद का यह चुनाव इतिहास का पहला जबरदस्त चुनाव हो सकता है। क्षैत्रिय जनता मे भी चुनाव को लेकर एक उत्साह सा वातावरण देखने को मिल रहा है। देखो आगे चलकर क्या होता है कोन किसको पटखनी देगा यह तो समय ही बताएगा।