सत्तू -राजू को दिखाई कार्यकर्ताओं ने आईना, 400 लोग भी नहीं पहुंचे, आधे केली- गादोला से लाए पढ़े खबर
News Published By Mr.Dinesh NalwayaPublish Date: 22-10-2023
रत्नमोती न्यूज डेक्स
जावद
- स्थानीयता के नाम पर सत्यनारायण पाटीदार, बालकिशन धाकड़ और राजकुमार अहीर द्वारा जावद में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन पूरी तरह से फ्लाप रहा। तमाम प्रयासों के बाद 400 लोग भी नहीं जुट पाए। इनमें से आधे राजस्थान के केली, गादोला से लाए गए थे। कार्यकर्ताओं का रुख भांपकर चेहरे उतर गए। पार्टी की जिला प्रभारी नूरी खान ने भी टिकट नहीं बदलने के साथ अंतिम निर्णय दोनों पर छोड़ दिया। अंततः पाटीदार और अहीर ने कोई रास्ता नहीं देख पार्टी का काम करने का ऐलान कर दिया।
पार्टी द्वारा दो दिन पहले जावद विधानसभा क्षेत्र से समंदर पटेल के नाम पर मुहर लगाने के साथ ही तीनों ही नेता स्थानीय उम्मीदवार के नाम पर एक हो गए। उसी क्रम में पिछले दो दिन से पार्टी को अपनी ताकत बताने के लिए सम्मेलन की तैयारी में जुटे थे लेकिन कार्यकर्ताओं ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। 12:00 बजे तक गिनती के 10- 12 लोग भी नही थे। हालांकि सम्मेलन में 5000 कार्यकर्ताओं के पहुंचने का दावा किया गया था। लेकिन जैसे-जैसे गाड़ियां आई, किसी से 15 और किसी से 20 लोग उतरे तो दोनों के चेहरे फक पड़ गए। अंतिम रणनीति के तौर पर सभा को लंबा खींचा गया, इसके बाद भी संख्या 400 तक भी नहीं पहुंच पाई। दावे के 10% लोग भी नहीं आए तो मौजूद लोग भी एक के बाद एक खिसकते गए।
राजस्थान से पहुंचे लोग लेकिन..........
पिछले दो दिन से सम्मेलन को सफल बनाने के लिए तीनों ही नेता जुटे हुए थे लेकिन कल शाम तक पहुंचने वाले लोगों के फील्ड से आंकड़े सामने आ गए थे । ऐसे में निकटवर्ती केली, गादोला सहित आसपास के गांव में गाड़ियां भेज कर लोगों को जुटाया गया अन्यथा लोगों का आंकड़ा 150 तक भी नहीं पहुंच रहा था जबकि इसके लिए अपने-अपने क्षेत्र में इन लोगों द्वारा गाड़ियां भेजी गई थी।
इन तिलों में नहीं तेल टिकट वितरण के बाद पिछले 2 दिन से जावद विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में जो उत्साह नजर आया, उसे देखते हुए ग्रामीण अंचल के कार्यकर्ता भी स्थानीयता के नाम पर फिर पार्टी को नुकसान की आशंका में सतर्क हो गए। तीनों ही नेता अलग-थलग पड़ गए। ऐसे में लोगों ने तीनों के पिछले बैकग्राउंड को देखते हुए किनारा करना बेहतर समझा और सम्मेलन से दूरी बना ली।
राजकुमार ने खेला सिंपैथी का कार्ड
राजकुमार ने अपने संबोधन के दौरान सिंपैथी का कार्ड खेलने की भी खूब कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि सखलेचा और समंदर पटेल ने मिलकर उसके बेटों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कारवाए और उनके परिवार को बर्बाद कर दिया। यह सुनकर एक बारगी वहां मौजूद लोग भी भौचक्के रह गए क्योंकि जो भी प्रकरण दर्ज हुए थे, उनमें बाहर की पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई थी।
नूरी ने छोड़ा निर्णय
जिला प्रभारी नूरी खान के पहुंचने से मंच पर इन लोगों में थोड़ा जोश आ गया लेकिन यह खुशी कुछ समय तक ही बरकार रह पाई। नूरी खान साफ शब्दों में कह दिया कि टिकट तो फाइनल हो चुका है और अब कोई परिवर्तन नहीं होने वाला। वैसे अब आगे का निर्णय आप लोगों को पर ही छोड़ती हूं। एक लाइन में इसे तीनों ही नेता भी समझ गएl अपने संबोधन के दौरान अहीर और पाटीदार ने दाल गलती नहीं देखकर कहा कि वे पार्टी के साथ है और कतई निर्दलीय मैदान में नहीं उतरेंगे।
पार्टी द्वारा दो दिन पहले जावद विधानसभा क्षेत्र से समंदर पटेल के नाम पर मुहर लगाने के साथ ही तीनों ही नेता स्थानीय उम्मीदवार के नाम पर एक हो गए। उसी क्रम में पिछले दो दिन से पार्टी को अपनी ताकत बताने के लिए सम्मेलन की तैयारी में जुटे थे लेकिन कार्यकर्ताओं ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। 12:00 बजे तक गिनती के 10- 12 लोग भी नही थे। हालांकि सम्मेलन में 5000 कार्यकर्ताओं के पहुंचने का दावा किया गया था। लेकिन जैसे-जैसे गाड़ियां आई, किसी से 15 और किसी से 20 लोग उतरे तो दोनों के चेहरे फक पड़ गए। अंतिम रणनीति के तौर पर सभा को लंबा खींचा गया, इसके बाद भी संख्या 400 तक भी नहीं पहुंच पाई। दावे के 10% लोग भी नहीं आए तो मौजूद लोग भी एक के बाद एक खिसकते गए।
राजस्थान से पहुंचे लोग लेकिन..........
पिछले दो दिन से सम्मेलन को सफल बनाने के लिए तीनों ही नेता जुटे हुए थे लेकिन कल शाम तक पहुंचने वाले लोगों के फील्ड से आंकड़े सामने आ गए थे । ऐसे में निकटवर्ती केली, गादोला सहित आसपास के गांव में गाड़ियां भेज कर लोगों को जुटाया गया अन्यथा लोगों का आंकड़ा 150 तक भी नहीं पहुंच रहा था जबकि इसके लिए अपने-अपने क्षेत्र में इन लोगों द्वारा गाड़ियां भेजी गई थी।
इन तिलों में नहीं तेल टिकट वितरण के बाद पिछले 2 दिन से जावद विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में जो उत्साह नजर आया, उसे देखते हुए ग्रामीण अंचल के कार्यकर्ता भी स्थानीयता के नाम पर फिर पार्टी को नुकसान की आशंका में सतर्क हो गए। तीनों ही नेता अलग-थलग पड़ गए। ऐसे में लोगों ने तीनों के पिछले बैकग्राउंड को देखते हुए किनारा करना बेहतर समझा और सम्मेलन से दूरी बना ली।
राजकुमार ने खेला सिंपैथी का कार्ड
राजकुमार ने अपने संबोधन के दौरान सिंपैथी का कार्ड खेलने की भी खूब कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि सखलेचा और समंदर पटेल ने मिलकर उसके बेटों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कारवाए और उनके परिवार को बर्बाद कर दिया। यह सुनकर एक बारगी वहां मौजूद लोग भी भौचक्के रह गए क्योंकि जो भी प्रकरण दर्ज हुए थे, उनमें बाहर की पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई थी।
नूरी ने छोड़ा निर्णय
जिला प्रभारी नूरी खान के पहुंचने से मंच पर इन लोगों में थोड़ा जोश आ गया लेकिन यह खुशी कुछ समय तक ही बरकार रह पाई। नूरी खान साफ शब्दों में कह दिया कि टिकट तो फाइनल हो चुका है और अब कोई परिवर्तन नहीं होने वाला। वैसे अब आगे का निर्णय आप लोगों को पर ही छोड़ती हूं। एक लाइन में इसे तीनों ही नेता भी समझ गएl अपने संबोधन के दौरान अहीर और पाटीदार ने दाल गलती नहीं देखकर कहा कि वे पार्टी के साथ है और कतई निर्दलीय मैदान में नहीं उतरेंगे।