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सूर्य का मकर राशि में होगा प्रवेश सूर्योदय से कर सकेंगे दान पुण्य मकर संक्रान्ति : इस बार 14 को नहीं 15 को मनेगा पर्व रविवार होने से पूजा का विशेष महत्व

News Published By Mr.Dinesh Nalwaya
Publish Date: 30-11--0001

नीमच -ज्यौ.पं.सुमन्त पुरोहित (झांतला) सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रान्ति इस बार 14 के बजाय 15 जनवरी को मनाया जाएगा ।।इस दिन रविवार होने से पूजा का विशेष महत्व माना जाएगा , सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात्रि करीब 8:43 होने से पर्व काल अगले दिन मनाया जाएगा । शास्त्रों के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रान्ति का पुण्य काल रहेगा ,सूर्योदय से दान पुण्य किए जा सकेंगे ,इसी के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत भी हो जाएगी ।पूर्व वर्षों में देखें तो मकर संक्रान्ति 2019, 2020 में 15 जनवरी को मनाई गई थी । मकर संक्रान्ति के दिन तीर्थ स्थलों ,पवित्र नदियों, सरोवर, आदि में स्नान दान का विशेष महत्व है , *सूर्य शनि व शुक्र ग्रह की युति पर्व काल के लिए महत्वपूर्ण* इस बार सूर्य शनि शुक्र ग्रह की युति पर्व काल के लिए महत्वपूर्ण मानी जाएगी । पिता- पुत्र का एक ही राशि में होना शुक्र ग्रह का भी मकर राशि में एक ही राशि में होना शुक्र का भी मकर राशि में परिभ्रमण करना विशिष्ट माना गया है । इससे शश व मालव्य योग निर्मित हो रहा है । इस युति में शुभ कार्य दान पुण्य करने से भाग्योदय होता है । मकर संक्रान्ति में गौ सेवा एवं जरूरतमंदों की सेवा का भी विशेष महत्व माना जाता है । *पानी में काले तिल व गंगाजल डालकर करें स्नान* ज्योतिषाचार्य पं.सुमंत पुरोहित ने बताया कि मकर संक्रान्ति के सुबह शुभ मुहूर्त में काले तिल व गंगाजल डालकर स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए , क्योंकि इस दिन सूर्य अपने विशेष परिमंडल में अनुगमन करते हैं । इस कारण सूर्य का इस दिन से उत्तरायण होना । सूर्य 6 महीने दक्षिणायन तथा 6 महीने उत्तरायण में रहते हैं । शास्त्रों के अनुसार देवताओं के दिवसों की गणना इसी दिन से आरंभ होती है जब दक्षिणायन में रहते हैं तो इस अवधि को देवताओं की रात्रि और उत्तरायण के 6 महीनों को दिन कहा जाता है । इस दिन सूर्य पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों का अधिपति माना जाता है। सूर्य ग्रह यश, बल, गौरव और मान-सम्मान का प्रतीक है। कुंडली में सूर्य दोष या सूर्य कमजोर स्थिति में होने पर व्यक्ति को हर राह पर कठनाइयों का सामना करना पड़ता है। सूर्य दोष होने पर किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती है। अगर आपका सूर्य मजबूत नहीं है तो नौकरी पर खतरा हो सकता हैं। पिता और गुरु से नहीं बनती है। आप हर समय थक हुआ महसूस करेंगे। आपके मन में अहम की भावना आ जाएगी। *आइए जानते हैं कुंडली में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के विशेष उपाय* सूर्य ग्रह को मजबूत करने के उपाय कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय बताए गए है जिसका इस्तेमाल कर आप अपने बिगड़े काम को काम बना सकते हैं। कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत करने के लिए तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, गुलाब का फूल डालकर भगवान सूर्य की पूजा करें। सिरहाने में सोने से पहले तांबे के लोटे में पानी रखें और सुबह उठकर उस पानी को पी लें। दाएं हाथ में कड़ा पहन सकते हैं जिससे आपकी कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। हर रोज सुबह उठकर भगवान सूर्य की पूजा करें। सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए इस विशेष मंत्र का जाप करें- ऊँ हृां हृीं सः सूर्याय नमः।। ऊँ घृणिः सूर्य आदिव्योम।। शत्रु नाशाय ऊँ हृीं हृीं सूर्याय नमः । मकर संक्रांति पर इस विधि से करें सूर्य देव की पूजा मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य शनिदेव की राशि मकर में प्रवेश करते हैं। इस दिन सूर्यदेव के साथ शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। मकर संक्रान्ति के दिन सुबह उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साथ सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल भरकर और उसमें थोड़ा सा सिंदूर, अक्षत और लाल फूल डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके साथ ही मकर संक्रान्ति के अवसर पर भगवान सूर्य को गुड़, तिल, खिचड़ी आदि का भोग लगाएं। इसके बाद विधिवत आरती करें।
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