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लो अब ससुर साहब का भी हो गया घेराव, लीज नवीनीकरण के मुद्दे पर उल्टा पड़ा नपाध्यक्ष को दांव, कोंग्रेस पार्षदों पर मढ़ना चाहते थे दोष लेकिन मामला कुछ और निकला।

News Published By Mr.Dinesh Nalwaya
Publish Date: 30-11--0001

नीमच। पहले से ही कहा जा रहा था यदि नपाध्यक्ष की कुर्सी पर ससुर साहब का खेल जम गया तो जमीनों के बड़े खेल शुरू हो जाएंगे। ये बात परिषद के पहले सम्मेलन से ही सच साबित होती भी दिखाई दे रही है। पहला मामला भाजपा कार्यालय को बंगला नम्बर 60 में जमीन आवंटित करने के प्रस्ताव का सामने आ ही गया। जमीन तो कई सामाजिक, सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों ने नपा से मांग रखी है। वो आवेदन तो रद्दी की टोकरी में हैं। अब नपा के दूसरे सम्मेलन में जो हुआ है वह नपाध्यक्ष और ससुर साहब के गले की हड्डी बनता दिखाई दे रहा है। दरअसल लीज नवीनीकरण को लेकर लाये गए प्रस्ताव में ऐसी शर्तें रख दी जो आम जनता के लिए पूरी करना संभव नहीं लगता। जिन्हें नवीनीकरण कराना है उनसे शपथ और संकल्प पत्र मांगे गए हैं यानी बाद में कोई भी कमी निकले तो तनाव संबंधित को झेलना है क्योंकि संकल्प और शपथ पत्र में वे अपने हाथ कटवा चुके होंगे। लंबे समय से कई लोग नपा के चक्कर लगा ही रहे हैं उनके भवन, भूमि की लीज का नवीनीकरण हो ही नहीं रहा। कोंग्रेस पार्षद योगेश प्रजापति और अन्य ने इसी पर कलेक्टर न्यायालय में आवेदन लगाया था। जिस पर विधि अनुसार एडीएम द्वारा स्थगन दे दिया गया। अब जो लोग लीज नवीनीकरण के लिए परेशान हो रहे उन्हें कुछ लोगों ने यह समझाया कि आपका मामला तो अटक गया क्योंकि स्थगन कांग्रेस के पार्षद लेकर आये हैं। वे चाहते ही नहीं कि आपका काम हो। आनन फानन में लीज नवीनीकरण पीड़ितों की भीड़ कांग्रेस पार्षदों के पास पहुंच गई। लेकिन कांग्रेस के पार्षदों ने जब उन्हें बताया कि सब किया धराया भाजपा की नपा का है और उन्हें गाइड करने वालों का है। लीज संबंधी प्रस्ताव में जो जनविरोधी शर्तें रखी गई हैं उनपर हमने जनहित में आपत्ति लगाकर स्थगन लिया है। शर्तें हटा लें तो हम भी आपत्ति वापस ले लेंगे। इतना सुनते ही स्किम नम्बर 36 ए के प्रभावित परिवारों की महिलाएं जा पहुंची नपाध्यक्ष के घर। जैसे ही ससुर साहब बाहर आये तो महिलाओं ने उन्हें घेर लिया। जमकर खरी खोटी सुनाई। जवाब देते नहीं बन रहा था और बगलें झांकते रहे। जनता के आक्रोश की तोप का मुंह कांग्रेस पार्षदों की तरफ मोड़ना चाहते थे लेकिन मुंह की खानी पड़ी। अब करें तो क्या करें??? इधर पार्षद भारत अहीर का कहना है कि लीज के मुद्दे पर हमें जबरन बदनाम करने की कोशिश की थी, हमने वार्ड के परेशान नागरिकों को वास्तविकता बताई तो उनका नपा अध्यक्ष और उनके ससुरजी के खिलाफ आक्रोश जायज था। हम जनहित की लड़ाई लड़ेंगे।
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